Wednesday, July 29, 2009

क्यूँ

क्यूँ तुम ख्वाबों ख्यालों में आती हो,
आकर चैन और नींदें उदा ले जाती हो,
हमने तो आपके बगैर जीने की कोशिश शुरू ही की थी,
क्यूँ हमें हराकर मौत की और खींच ले जाती हो |
Tuesday, July 28, 2009

आपकी खुशी

एक और शायरी ख़ास आपके लिए ...

यह हवा आपकी हँसी की ख़बर देती है,
मेरे दिल को खुशी से भर देती है |
खुदा सलामत रखे आपकी हँसी को,
क्यूँकी आपकी खुशी हमें खुश कर देती है |

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Abhishek Saha
Lucknow, Uttar Pradesh, India
A NRB (Non Resident Bengali) or rather a 'Probashi Bangali'; born in Kolkata, brought up in Jamshedpur and now trying to make his mark at IIM Lucknow.
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