Tuesday, November 17, 2009

तन्हाई

दोसतों के बीच भी क्यूँ खोया खोया सा रहता हूँ,
अपनों के बीच भी क्यूँ तन्हाई महसूस करता हूँ,
यह कैसा असर है आपकी जुदाई का,
कि दुनिया जीतने पर भी हार महसूस करता हूँ |

इस शेर में हमारी मदद करने के लिए Shreenivasan, Nipanjana, Sutapa और Shailesh को हमारी तरफ़ से धन्यवाद |

Cross-posted on:
Monday, November 09, 2009

घायल

यूँ तो हम निकल पड़े थे येह दुनिया जीतने,
पर आखरी पड़ाव पर हार गए |
ऐसा लगा आपका तीर निशाने पर,
चोट दिल पे लगी और हम घायल हो गए |

Cross-posted on:

About Me

My Photo
Abhishek Saha
Lucknow, Uttar Pradesh, India
A NRB (Non Resident Bengali) or rather a 'Probashi Bangali'; born in Kolkata, brought up in Jamshedpur and now trying to make his mark at IIM Lucknow.
View my complete profile

Lord reads

Lord's Followers

Lord's visitors

Lord's tweets

    follow me on Twitter
    Powered by Blogger.