Tuesday, August 28, 2007
क्या तुम्हें याद है
क्या तुम्हें याद है,
बारिश की वोह रात ,
जब हम चल पड़े थे
हाथों में लेकर हाथ ?
वोह बारिश में टपकती
बूंदों की आवाज़,
वोह आकाश में गरजते
बादलों का साज़!
हम दोनों कुछ खोये से
कुछ घबराए से थे,
और राह ना देख पाने के कारण
असमंजस में थे !
क्या करे क्या ना करें
यह सोचने लगे,
और धीरे धीरे एक दूसरे
के करीब आने लगे!
फ़िर कहीं से एक आवाज़ आई
जिसमें तेरा नाम था,
पलट के देखा तो
खड़ा तेरा बाप था!
अब आगे लिखते हुए
मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं,
अस्पताल में बिताये हुए
वोह पल याद आ जाते हैं !!
बारिश की वोह रात ,
जब हम चल पड़े थे
हाथों में लेकर हाथ ?
वोह बारिश में टपकती
बूंदों की आवाज़,
वोह आकाश में गरजते
बादलों का साज़!
हम दोनों कुछ खोये से
कुछ घबराए से थे,
और राह ना देख पाने के कारण
असमंजस में थे !
क्या करे क्या ना करें
यह सोचने लगे,
और धीरे धीरे एक दूसरे
के करीब आने लगे!
फ़िर कहीं से एक आवाज़ आई
जिसमें तेरा नाम था,
पलट के देखा तो
खड़ा तेरा बाप था!
अब आगे लिखते हुए
मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं,
अस्पताल में बिताये हुए
वोह पल याद आ जाते हैं !!
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- Abhishek Saha
- Lucknow, Uttar Pradesh, India
- A NRB (Non Resident Bengali) or rather a 'Probashi Bangali'; born in Kolkata, brought up in Jamshedpur and now trying to make his mark at IIM Lucknow.
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